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मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भूतिया कुएं की कहानी - Horror well story in hindi

  भूतिया कुएं की कहानी । Horror well story in hindi          Horror well story in hindi क्रिस्टी Krishti नाम की एक प्यारी बच्ची अपनी मम्मी रेचल के साथ रहती थी । क्रिस्टी के पापा नहीं थे इसलिए उसकी मम्मी रेचल ही नौकरी करके क्रिस्टी का पालन-पोषण करती थी । रेचल काम से वापस लौटकर क्रिस्टी को स्कूल से लाती और दोनों घर में साथ में खाना खाते, खेलते , टीवी देखते और बहुत सारी बातें करते थे । दोनों माँ बेटी अपनी जींदगी में बहुत खुश थे । एक बार रेचल क्रिस्टी को स्कूल से लाने गई तो उसकी टीचर ने क्रिस्टी की एक बनाई तस्वीर दिखाई जिसमे वह रेचल और एक बच्ची थी । जो उसका हाथ पकड़ खींच रही थी।   रेचल क्रिस्टी को लेकर घर आ गई। दोनों रात को जब साथ खाना खाने बैठे तो रेचल ने क्रिस्टी से पूछा कि तुमने बताया नहीं कि तुम्हें एक नई दोस्त मिल गई है । क्रिस्टी बोली आपने पूछा ही नहीं तब रेचल ने पूछा कि तुम्हारी नई दोस्त कहां रहती हैं तो क्रिस्टी ने बताया कि वह एक अंधेरे कुएं में रहती हैं । रेचल को क्रिस्टी की बात कुछ अजीब लगी तब उसने कहा कि मैं जब तक किचन का काम खत्म करतीं हूँ तब तक तुम अपनी दोस्त के घर की तस्वीर ब

अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया । Aghori sadhuo ki Rahasmayi Dunia

   अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया । Aghori sadhuo ki Rahasmayi dunia भगवान भोलेनाथ Bhagwan Bholenath को तंत्र शास्त्र का देवता माना जाता है । अघोरी मुख्य रूप से भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं । उन्हें अघोरवाद का जन्मदाता माना जाता है ।        Aghori sadhu image     आधी रात के बाद का समय जब हम नींद की आगोश में रहते हैं उस समय घोर अंधकार में अघोरी-तांत्रिक Aghori Tantrik शमशान में तंत्र क्रियाएं करते हैं । इस समय वे घोर साघना करते हैं । अघोरी का नाम सुनते ही मन में डर उत्पन्न हो जाता है यह उनकी वेशभूषा और रहनसहन के वजह से होता है । अघोर विद्या नहीं बल्कि इसका स्वरूप भयानक है । मूलतः अघोरी उसे कहते है जिसके भीतर अच्छे-बुरे , सुगंध-दुर्गंध , प्रेम-नफ़रत , ईर्ष्या-मोह जैसे भाव मिट जाए । जो किसी में फ़र्क न करें । जो शमशान जैसे घृणित और डरावनी जगह में भी उसी सहजता से रह ले जैसे लोग घरों में रहते हैं । अघोरी लाशों के साथ सहवास भी करता है और मानव मांस का भी भक्षण करते हैं । ऐसा करने का यह तर्क है कि उस व्यक्ति के मन से घृणा निकल जाए ।  अघोरी साधु Aghori sadhu गाय का मांस छोडक़र सभी चीजों क

अकबर बीरबल के किस्से - मूर्खों की फेरहिस्त

            AKBAR AND BIRBAL STORIES IN HINDI शहंशाह अकबर घुड़सवारी के इतने शौकीन थे कि पसंद आने पर घोड़ो का मुंहमांगा दाम देने के लिए तैयार रहते थे। दूर दराज के मुल्कों, जैसे अरब , पर्शिया आदि से घोड़ो के विक्रेता मजबूत और आकर्षक घोड़े अकबर के दरबार में लाया करते थे । शहंशाह अपने व्यक्तित्व उपयोग के लिए गए घोड़े की अच्छी कीमत दिया करते थे। जो घोड़े शहंशाह की रूचि के नहीं होते उन्हें सेना के लिए खरीद लिया जाता था ।  एक दिन घोड़ो का एक नया विक्रेता अकबर के दरबार में आया । अन्य व्यापारी भी उसे नहीं जानते थे । उसने दो बेहद आकर्षक घोड़े शहंशाह को बेचे और शहंशाह अकबर से कहा कि वह ऐसे सौ घोड़े लाकर दे सकता है बशर्ते कि उसे आधी रकम पेशगी के रूप में पहले ही दे दी जाए ।  अकबर को घोड़े बहुत पसंद आए थे इसलिए उन्होंने वैसे ही सौ घोड़े लेने का तुरंत मन बना लिया।  शहंशाह अकबर ने अपने खजांची को बुलाकर उसे व्यापारी को पेशगी देने का आदेश दिया । खजांची उस व्यापारी को लेकर खजाने की ओर चल दिया।  दरबार में किसी को भी शहंशाह अकबर की यह बात अच्छी नहीं लगी कि शहंशाह एक अनजान व्यापारी को इतनी बड़ी रकम पेशगी के

अकबर बीरबल की 20+ किस्से कहानियां

मुगल सम्राट अकबर एक बार जंगल में रास्ता भटक जाते हैं तब महेश दास नाम का एक लड़का उन्हें राह दिखाता है । शहंशाह अकबर उस लड़के की निडरता और बुद्धिमानी से बहुत खुश होते हैं और उसे अपने दरबार आने का न्योता देते है । समय के साथ यह लड़का महेश दास बीरबल के नाम से प्रसिद्ध होते हैं और अकबर के नवरत्नों में से एक होते है । बीरबल अकबर की किसी भी समस्या या सवाल को चुटकियों में हल कर देते है इसलिए वे शहंशाह अकबर के सबसे प्रिय होते हैं।  अकबर बीरबल के किस्से बच्चे से बड़ो सब को बहुत पसंद आता है । यहां आपको अकबर बीरबल के 20+ किस्से कहानियां पढने को मिलेंगे ।  20+ Akbar Birbal stories in hindi :- AKBAR AND BIRBAL STORIES IN HINDI ■  अकबर बीरबल की पहली मुलाकात / Akbar Birbal ki kahaniya ■  अकबर बीरबल के 3 किस्से कहानियां / Akbar Birbal stories in hindi ■   अकबर बीरबल के 5 मजेदार किस्से    ■  तीन तीन गधों का बोझ / Akbar Birbal stories in hindi ■  किसका पानी अच्छा / Akbar Birbal stories in hindi ■  यह हुजूर का दिया हैं / Akbar Birbal stories in hindi ■  चोर की दाढ़ी में तिनका / Akbar Birbal stories in hi

अकबर बीरबल की पहली मुलाकात / अकबर बीरबल की कहानियाँ

               Stories of Akbar Birbal in hindi / pehli Mulakat शहंशाह अकबर को शिकार का बहुत शौक था । वे कभी भी शिकार के लिए निकल जाया करते थे । एक बार शहंशाह शिकार पर निकले । वे घोड़ा इतनी तेजी से चला रहे थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कुछ सैनिकों को छोड़कर उनकी बाकी सेना बहुत पीछे छूट गई है।  शाम हो गई थी सभी भूख प्यास से व्याकुल थे और समझ चुके थे कि वे रास्ता भटक चुके हैं । अकबर को समझ नहीं आ रहा था कि किस ओर जाएँ । कुछ दुर जाने पर उन्हें एक तिराहा नजर आया । शहंशाह अकबर बहुत खुश हुई कि चलो अब किसी रास्ते से अपनी राजधानी तो पहुंच ही जाऐंगे । अकबर उलझन में था कि जाएं तो जाएं किस ओर ? वे सब सोच रहे थे पर कुछ समझ न आएं । तभी उन्होंने देखा कि एक लड़का किनारे खड़ा उन्हें घूर रहा है । सैनिकों ने उसे पकड़कर अकबर के सामने पेश किया ।  अकबर ने कड़कती आवाज़ में पूछा - ऐ लड़के , कौन सी सड़क आगरा को जाती है ? लड़का मुस्कुराते हुए बोला- जनाब यह सड़क चल नहीं सकतीं तो आगरा कैसे जाएगी । महाराज जाना तो आपकों ही पडेगा और इतना कहकर वह लड़का खिलखिला कर हंसने लगा ।   सभी सैनिक मौन खड़े लड़के को देख रहे थ

अकबर बीरबल के 3 किस्से कहानियां / Akbar Birbal stories in hindi

            3 Akbar Birbal stories in hindi         #1 सबसे बड़ा हथियार / अकबर बीरबल के किस्से कहानियां / 3 Akbar Birbal stories in hindi  शहंशाह अकबर और बीरबल के बीच कभी कभी ऐसी बातें भी हुआ करतीं थी कि जिनकी परख करने में जान का खतरा भी था । एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा - बीरबल बताओं संसार में सबसे बड़ा हथियार कौन-सा हैं ? बीरबल बोले - आत्मविश्वास । अकबर ने बीरबल का जवाब सुनकर अपने मन में रख लिया और किसी समय इसकी परख करने का निश्चय किया। संयोगवश एक दिन एक हाथी पागल हो गया। ऐसे में हाथी को जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता है।   अकबर ने बीरबल के आत्मविश्वास की परख करने के लिए उन्हें बुलावा भेजा और इधर महावत को यह बात समझाई कि जैसे ही बीरबल आए वैसे ही हाथी की जंजीर खोल दी जाए । बीरबल को इस बात का पता नहीं था । वे शहंशाह अकबर से मिलने के लिए दरबार की ओर जा रहे थे तभी पागल हाथी को उनकी तरफ छोड़ दिया गया।  बीरबल अपनी ही मस्ती में चलें जा रहे थे कि उनकी नजर पागल हाथी पर पड़ी जो चिंघाडता हुआ उनकी तरफ ही आ रहा था। बीरबल तो थे ही हाजिरजवाब , अति बुद्धिमान और आत्मविश्वासी । वे तुरंत समझ गए कि शहंशाह

अकबर बीरबल के 5 मजेदार किस्से / Akbar Birbal stories

  Stories of Akbar Birbal in hindi #1 मासूम सजा / अकबर बीरबल की कहानियाँ / Akbar Birbal stories in hindi एक दिन शहंशाह अकबर ने दरबार में आते ही दरबारियों से पूछा - किसी ने आज मेरी मूछें नोचने की ज़ुर्रत की , उसे क्या सजा दी जानी चाहिए ? दरबारियों में से किसी एक ने कहा उसे सूली पर चढ़ा देना चाहिए , किसी ने कहा उसे फांसी की सजा सुनाई जाए , किसी ने कहा उसका गर्दन धड़ से अलग कर देना चाहिए ।  शहंशाह अकबर उन सबकी बातें सुन गुस्से में लाल हो गए और तब उन्होंने बीरबल से पूछा - बीरबल तुम्हारी क्या राय है ? बीरबल ने कहा - गुस्ताखी माफ़ हुजूर ! लेकिन इस गुनाहगार को सजा के बजाय उपहार देना चाहिए । शहंशाह हल्के से मुस्कुराएं और बोले "क्या मतलब?" "हुजूर ! जो व्यक्ति आपकी मूछें नोचने की ज़ुर्रत कर सकता है वह आपके शहजादे के सिवा और कोई नहीं हो सकता है । उस मासूम गुनाहगार को मिठाई खाने की मासूम सजा दी जानी चाहिए । " बीरबल ने कहा । शहंशाह अकबर ने जोर का ठहाका लगाया और दरबारी बगले झांकने लगे।   # 2 सब बह जाएंगे / अकबर बीरबल की कहानियाँ / Akbar Birbal stories in hindi    एक बार शहंशाह अक

तीन तीन गधों का बोझ/ अकबर बीरबल की कहानियाँ

              Stories of Akbar Birbal in hindi शहंशाह अकबर और उनके दो पुत्रों को नदी में नहाने का शौक था।  बीरबल भी उनके साथ जाया करते थे लेकिन वे कभी नदी में नहाते नहीं थे । एक दिन शहंशाह अकबर और उनके दो पुत्र नदी नहाने गए साथ में बीरबल भी थे । बीरबल नदी के किनारे जाकर बैठ गए और शहंशाह और उनके पुत्रों के वस्त्रों की रखवाली करने लगे । बीरबल ने उनके वस्त्रों को अपने कंधे पर टांग लिया।  शहंशाह की आदत थी वे बीरबल को हमेशा छेड़ता रहता था।  शहंशाह ने कहा बीरबल लगता है कि तुम्हारे कंधे पर एक गधे का बोझ है ।  बीरबल यह सुनकर कहां चुप रहने वाले थे उन्होंने कहा - हुजूर ! एक नहीं दो नहीं तीन गधों का बोझ । शहंशाह यह सुनकर चुप हो गए क्योंकि बीरबल ने तीनों के कपड़े टांग रखे थे । 

किसका पानी अच्छा / अकबर बीरबल की कहानियाँ

        Stories of Akbar Birbal in hindi  एक बार शहंशाह अकबर ने भरे दरबार में पूछा कि किस नदी का पानी सबसे अच्छा है।  सभी दरबारियों ने एकमत होकर कहां कि गंगा नदी का पानी सबसे अच्छा है । लेकिन बीरबल चुपचाप बैठे सब सुन रहे थे।  शहंशाह अकबर ने बीरबल को चुप देखकर पूछा - बीरबल तुम चुप क्यों हो , तुम्हारे हिसाब से किस नदी का पानी सबसे अच्छा है ? बीरबल बोले - हुजूर! पानी सबसे अच्छा यमुना नदी का होता है । बीरबल की बात सुनकर शहंशाह अकबर को बड़ी हैरानी हुई । उन्होंने बीरबल से कहा - यह तुम किस आधार पर कह रहे हो जबकि हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार तो गंगा के पानी को सबसे पवित्र और शुद्ध माना गया है ।  बीरबल ने कहा - हुजूर ! मैं भला पानी की तुलना अमृत से कैसे कर सकता हूँ ? गंगा नदी में बहने वाला पानी , पानी नहीं बल्कि अमृत है । इसलिए मैंने कहा कि यमुना नदी का पानी सबसे अच्छा है । शहंशाह अकबर और बाकी सारे दरबारी बीरबल का जवाब सुनकर निरूत्तर हो गए ।

यह हुजूर का दिया हैं / अकबर बीरबल की कहानियाँ

          Stories of Akbar Birbal in hindi  सर्दियां खत्म हो रही थी और सूर्य की किरणों की गर्मी बढ़ रही थी । ऐसे में माहौल बड़ा सुखमय प्रतित हो रहा था।  मौसम का लुत्फ़ उठाने के लिए शहंशाह अकबर और बीरबल अपने अपने घोड़ो पर सवार होकर सैर के लिए निकले थे । कुदरत के अद्भुत नजारों का आनंद शहंशाह अकबर ले रहे थे।   अचानक से चारों ओर की सुंदरता को देखकर अकबर के मुंह से निकला - "भाई अस्क पेदार शूमस्त  " । इन शब्दों के दो अर्थ थे - पहला अर्थ फारसी में था - यह घोड़ा तुम्हारे बाप का है और दूसरा अर्थ यह घोड़ा तुम्हारा बाप है । बीरबल तुरंत समझ गए कि शहंशाह क्या कहना चाहते हैं । वे बोले - "दाद-ए-हुजुरस्त" ।  इसका अर्थ होता है यह हुजूर का दिया हैं । यह सुनकर शहंशाह अकबर को कुछ बोलते न बना । जैसे को तैसा जवाब मिला।  

चोर की दाढ़ी में तिनका / अकबर बीरबल की कहानियाँ

               Stories of Akbar Birbal in hindi शहंशाह अकबर अक्सर बीरबल से अटपटे सवाल पूछते थे लेकिन एक बार उन्होंने बीरबल को छकाने की सोची । उन्होंने अपनी बेशकीमती अंगूठी छिपाकर एक सरदार को दे दी और उससे बात छुपाकर रखने के लिए कहा ।  जब बीरबल शहंशाह के पास गए तो उन्होंने कहा - "आज हमारी अंगूठी खो गई।  सुबह तक तो हमारे ही पास थी लेकिन शौच जाते वक्त मैंने  उतार कर रख दी और जब वापस लौटा तो देखा कि अंगूठी तो वहां है ही नहीं " बीरबल चुपचाप सुन रहे थे।  शहंशाह अकबर ने फिर कहा - मुझे लगता है यह काम महल के ही किसी व्यक्ति का है । बाहरी आदमी ऐसी हिम्मत नहीं कर सकता है । बीरबल तुम तो ज्योतिषिशास्त्र के भी ज्ञाता हो इसलिए पता करके बताओं कि मेरी अंगूठी किसने ली ।  बीरबल ने उस जगह का पता पूछा जहां उन्होंने शौच से पूर्व अंगूठी रखी थी । शहंशाह अकबर ने एक अलमारी की ओर इशारा किया ।  बीरबल ने उस अलमारी के पास जाकर उससे कान लगाकर कुछ देर बाद हटा लेने का नाटक किया । देखने वालों को लगा कि वे कुछ सुनने का प्रयास कर रहे हैं । कुछ देर बाद बीरबल ने शहंशाह अकबर की ओर देखा और कहा , अलमारी साफ बताती है

ऊंट की गर्दन / अकबर बीरबल की कहानियाँ

            Stories of Akbar Birbal in hindi             शहंशाह अकबर बीरबल की हाजिरजवाबी के बड़े कायल थे।  एक बार शहंशाह ने दरबार में बीरबल से खुश होकर उन्हें इनाम देने की घोषणा की। कई दिन बीत गया लेकिन बीरबल को उनका इनाम नहीं मिला । बीरबल सोच रहे थे कि शहंशाह को कैसे याद दिलाया जाए ? एक शाम शहंशाह अकबर और बीरबल सैर के लिए यमुना नदी के किनारे गए । अकबर ने वहां एक ऊंट को घूमते हुए देखा । अकबर ने बीरबल से पूछा - बताओं बीरबल ऊंट की गर्दन मुडी क्यों रहतीं हैं ?  बीरबल ने सोचा कि शहंशाह को उनका वादा याद दिलाने का यह सही समय है । उन्होंने कहा - 'हुजूर ! यह ऊंट किसी से वादा करके भूल गया इसलिए इसकी गर्दन मुड़ गई । जहाँपनाह कहते हैं कि जो भी वादा करके भूल जाता है , भगवान उसकी गर्दन ऊंट की तरह मोड देते है । यह एक तरह की सजा हैं ।' तभी शहंशाह अकबर को याद आया कि वे भी बीरबल को इनाम देने का वादा भूल गए है । उन्होंने जल्दी से बीरबल को महल में चलने के लिए कहा और महल पहुंचते ही सबसे पहले बीरबल को इनाम दिया और कहा कि अब तो मेरी गर्दन ऊंट की तरह नही मुडेगी न बीरबल ।  इतना कहकर शहंशाह अकबर अपनी ह

रेत और चीनी / Akbar Birbal ki kahaniya

               Stories of Akbar Birbal in hindi शहंशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थी , तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान लिए वहां आता है । शहंशाह अकबर ने पूछा - क्या है इस मर्तबान में ? दरबारी बोला - रेत और चीनी का मिश्रण है । 'वह किसलिए ?' शहंशाह ने दरबारी से सवाल किया । 'माफ़ी चाहता हूँ हुजूर ! लेकिन मैं बीरबल की काबिलियत को परखना चाहता हूँ , मैं चाहता हूँ कि बीरबल रेत से चीनी का दाना अलग कर दे ' वह दरबारी बोला । शहंशाह अकबर बीरबल की ओर देखकर बोले - देख लो बीरबल ! तुम्हारे लिए रोज एक नई समस्या आ जाती है । अब तुम इस रेत से चीनी को कैसे अलग करोगे ? 'कोई समस्या नहीं हैं हुजूर! यह तो मेरे बाएं हाथ का काम है , कहकर बीरबल ने वह शीशे का मर्तबान उठाया और दरबार से बाहर चले गए । बीरबल बाग में पहुंचकर सारा मिश्रण एक आम के पेड़ के चारों ओर बिखेर देते हैं । उन्हें ऐसा करते देख दरबारी ने पूछा कि यह क्या कर रहें हो ? बीरबल बोले - यह तुम्हें कल पता चलेगा । अगले दिन सभी दरबारी और शहंशाह उस पेड़ की नीचे जमा हुए । वहां अब केवल रेत पड़ी थी । चीनी के दाने चीटियां बटोर का

बड़ा बांस छोटा बांस / अकबर बीरबल की कहानियाँ

            Stories of Akbar Birbal in hindi  एक बार शहंशाह अकबर और बीरबल बगीचे में घूम रहे थे। बीरबल लतीफा सुना रहे थे और अकबर उनका मजा ले रहे थे ।  तभी अकबर को नीचे घास पर एक छोटा बांस का टुकड़ा दिखाई पड़ा । उन्हें बीरबल की परीक्षा लेने की सूझी । शहंशाह अकबर ने बीरबल को वह बांस का टुकड़ा दिखाते हुए पूछा - क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे छोटा कर सकते हो ? बीरबल अचानक से शहंशाह का सवाल सुनकर चुप हो गए और उन्हें देखा । बीरबल ने सोचा कि शहंशाह का सवाल बेसिर-पैर का है तो उसका जवाब भी कुछ वैसा ही होना चाहिए ।  बीरबल ने इधर-उधर देखा तो एक माली हाथ में लंबा बांस लिए जा रहा था । उसके पास जाकर बीरबल ने वह बांस अपने दाएं हाथ में लिया और शहंशाह का दिया छोटा बांस अपने बाएं हाथ में लिया ।  बीरबल बोले - हुजूर ! देखिये हो गया न यह बांस का टुकड़ा बिना काटे ही छोटा ।  बड़े बांस के सामने छोटे टुकड़े को तो छोटा लगना ही था ।  शहंशाह अकबर निरूत्तर हो गए । 

शहंशाह का गुस्सा / अकबर बीरबल की कहानियाँ

                Stories of Akbar Birbal in hindi  एक बार शहंशाह अकबर अपनी बेगम से गुस्सा हो गए और उन्हें अपने मायके जाने के लिए कह दिया । बेगम ने सोचा कि शायद शहंशाह ने ऐसे ही उन्हें जाने के लिए कहा है इसलिए वे नहीं गई । जब शहंशाह ने देखा कि बेगम अभी तक नहीं गई है तो उन्होंने अपनी बेगम से कहा - तुम अभी तक यहां से नहीं गई , कल सुबह होते ही यहां से चली जाना । अपनी कोई एक मनपसंद चीज ले जा सकती हो । बेगम दुखी होकर अपने कक्ष में चलीं गई और बीरबल को बुलवाया । बीरबल बेगम के सामने आए । बेगम ने उन्हें सारी बात कह सुनाई ।  'बेगम साहिबा ! अगर शहंशाह ने हुक्म दिया है तो जाना ही पड़ेगा , और जहाँ तक मनपसंद चीज ले जाने की बात है तो मैं जैसा कहता हूँ वैसा ही करें ' बीरबल ने कहा । बीरबल के कहे अनुसार रात को शहंशाह अकबर को नींद की दवा दे दी और उन्हें नींद में ही पालकी में डालकर अपने साथ मायके ले आई और एक सजे कमरे में सुला दिया । जब शहंशाह की नींद खुली तो उन्होंने अपने आपको एक अंजान जगह में देखकर पुकारा - कोई हैं ? शहंशाह के बुलाने पर बेगम साहिबा उपस्थित हुई । बेगम को देखकर शहंशाह सब समझ गए । उन्

गधे तम्बाकू नही खाते / अकबर बीरबल की कहानियाँ

               Akbar Birbal stories in hindi  बीरबल तम्बाकू खाया करते थे दूसरी ओर शहंशाह अकबर को तम्बाकू के नाम से नफ़रत थी।  एक बार शहंशाह अकबर बीरबल को लज्जित करने के लिए सैर का बहाना बना तम्बाकू के खेत में ले गए । वहां उन्होंने एक गधा खेत में चरने के लिए छुड़वा दिया।  जब गधे ने तम्बाकू नही खाई तो शहंशाह अकबर बोले - 'बीरबल देखों तम्बाकू कितनी बुरी चीज है । इसे गधा तक नहीं खाता।'  'जी जहाँपनाह ! यह सही है , गधे तम्बाकू नही खाते हैं , इंसान ही खाते है' बीरबल ने कहा । बीरबल का कटाक्ष सुनकर शहंशाह अकबर शर्म से झेंप गए । 

जोरू का गुलाम / Akbar Birbal ki kahaniya

            Akbar Birbal ki kahaniya                   शहंशाह अकबर और बीरबल बातें कर रहे थे । बात मियां-बीवी की चली तो बीरबल ने कहा - अधिकतर मर्द जोरू के गुलाम होते हैं और अक्सर अपनी बीवियों से डरते भी है । शहंशाह अकबर बोले - मैं ऐसा नहीं मानता । 'हुजूर !मैं सिद्ध कर सकता हूँ ' बीरबल ने कहा । 'सिद्ध करों ।' शहंशाह बोले । 'ठीक है , आप बस आज ही यह आदेश जारी करें कि किसी को भी अपनी बीवी से डरने की जरूरत नहीं है, उसे बस बीरबल के पास एक मुर्गा जमा करवाना पड़ेगा ' बीरबल शहंशाह से बोले । बीरबल के कहे अनुसार शहंशाह ने आदेश जारी कर दिया । कुछ ही दिनों में बीरबल के पास ढेरों मुर्गे जमा हो गए।  तब उन्होंने शहंशाह से कहा - हुजूर ! अब तो इतनें मुर्गे जमा हो गए हैं कि आप मुर्गीखाना खोल सकते हैं । आप अपना आदेश वापस ले ले । शहंशाह को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने आदेश लेने से मना कर दिया । खीझकर बीरबल वापस लौटें । अगले दिन बीरबल दरबार में आया और शहंशाह अकबर से कहा - हुजूर! पड़ोसी राजा की पुत्री बहुत सुन्दर है । आपकी आज्ञा हो तो आपके विवाह की बात करूँ ?  'यह क्या कह रहे हो ,

शहंशाह का सपना / अकबर बीरबल की कहानियाँ

                    Akbar Birbal ki kahaniya एक रात शहंशाह अकबर ने अजीब सपना देखा । उन्होंने देखा कि केवल एक दांत छोड़कर उनके सभी दांत टूटकर गिर गए ।  अगले दिन दरबार में शहंशाह अकबर ने सभी प्रसिद्ध ज्योतिषियों और नजुमियों को बुलाकर अपने सपने के बारे में बताया और उसका मतलब जानना चाहा ।  सभी ने आपस में विचार-विमर्श करके एक मत हुए और शहंशाह अकबर से कहा कि जहाँपनाह ! इसका अर्थ है कि आपके सारे नाते-रिश्तेदार आपसे पहले ही मर जाएंगे । यह सुनकर शहंशाह अकबर को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सभी को दरबार से बाहर जाने का आदेश दिया । उन सभी के चले जाने के बाद अकबर ने बीरबल से अपने सपने का मतलब पूछा । कुछ देर तक तो वे सोच में डुबे रहे फिर कहा - हुजूर ! आपके सपने का मतलब तो बहुत शुभ है । इसका अर्थ यह है कि अपने नाते-रिश्तेदारों के बीच आप ही सबसे अधिक समय तक जिएंगे ।  बीरबल की बात सुनकर शहंशाह अकबर बहुत खुश हुए और उन्हें मुंहमांगा इनाम दिया । बीरबल ने भी वही कहा जो ज्योतिषियों ने कहा था लेकिन उनके कहने में फर्क था ।

अकबर की पहेलियां / अकबर बीरबल की कहानियाँ

              Stories of Akbar Birbal in hindi शहंशाह अकबर को पहेलियाँ सुनने और सुनाने का बहुत शौक था । वे दूसरों से पहेली सुनते और अपनी पहेली भी सुनाया करते थे। एक बार अकबर ने बीरबल को एक नई पहेली सुनाई - 'ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन , मध्य - मध्य खरबूजा। मौं छुरी से काटे आपहि , अर्थ तासु नाहि दूंजा ।  बीरबल पहेली सुनकर चकरा गए । उन्होंने कभी ऐसी पहेली नहीं सुनी थी । बोले - हुजूर अगर आप मुझे कुछ दिनों की मोहलत दे तो मैं इस पहेली का अच्छे से अर्थ समझा दूंगा । शहंशाह अकबर ने कहा ठीक है । बीरबल अर्थ समझने के लिए तुरंत वहां से चल पड़े और एक गांव पहुंचे । गर्मी का दिन था, धूप और थकान के मारे उनकी हालत खराब हो गई । मजबूरी में वे पास दिख रहे एक घर में गए । घर के अंदर एक लडकी खाना पका रही थी ।  बीरबल ने पूछा - बेटी तुम क्या कर रही हो ? उस लड़की ने कहा - देख नहीं रहे मैं बेटी को पकाती और माँ को जलाती हूँ । 'अच्छा दो का हाल तो तुने बता दिया , और तेरा पिता कहा है और क्या कर रहा हैं?' बीरबल ने पूछा । 'वह मिट्टी में मिट्टी मिला रहे हैं ।' लडकी बोली । बीरबल ने फिर पूछा - तेरी माँ क्या

सबसे बड़ी चीज क्या है / अकबर बीरबल की कहानियाँ

                     Stories of Akbar Birbal in hindi एक दिन की बात है , बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी दरबारियों ने मिलकर बीरबल की बुराई शुरू कर दी । अक्सर जब बीरबल दरबार में उपस्थित न होते तो सभी मिलकर उनके खिलाफ शहंशाह अकबर के कान भरा करते थे । अकबर इस बात को भली-भांति समझते थे और उन्हें बीरबल की बुराई बिलकुल अच्छी नहीं लगती थी । उस दिन दरबार में ऐसा ही हो रहा था , अकबर के खास मुल्ला दो प्याजा की शह पाकर चार दरबारियों ने मिलकर अकबर से कहना शुरू किया - जहाँपनाह ! आप बीरबल को आवश्यकता से अधिक मान देते है , हम लोगों से ज्यादा उन्हें चाहते हैं । आपने उन्हें बहुत सिर चढ़ा कर रखा है जबकि वह जो काम करते हैं वह हम भी कर सकते हैं । आप हमें मौका ही नहीं देते । शहंशाह अकबर को उन दरबारियों पर बहुत गुस्सा आया परंतु उन्होंने गुस्से को दबा कर कहा - देखों आज बीरबल तो यहां नहीं हैं इसलिए मुझे तुम चारों से एक सवाल का जवाब चाहिए । यदि तुम लोगों ने मेरे सवाल का सही जवाब नहीं दिया तो तुम चारों को फांसी पर चढ़वा दूंगा ।  शहंशाह की बात सुनकर वे घबरा गए । हिम्मत करके अकबर स

हरा घोड़ा / अकबर बीरबल की कहानियाँ

              Akbar Birbal stories in hindi एक दिन शहंशाह अकबर घोड़े पर बैठकर शाही बाग में घूम रहे थे । उनके साथ बीरबल भी थे । चारों तरफ हरे हरे वृक्ष और हरी हरी घास देखकर अकबर को बहुत आनंद आ रहा था , तभी उनके मन में आया बगीचे की सैर के लिए उनका घोड़ा भी हरा होना चाहिए था ।   शहंशाह अकबर ने बीरबल से कहा - बीरबल तुम मुझे सात दिन के अंदर हरे रंग का घोड़ा लाकर दो वरना अपनी शक्ल मुझे मत दिखाना । हरे रंग का घोड़ा तो होता ही नहीं है , यह बात बीरबल को भी पता है और अकबर को भी लेकिन शहंशाह अकबर अक्सर ऐसे सवाल बीरबल की परीक्षा लेने के लिए करते थे  ।  उन्हें लगता बीरबल कभी तो हार मानेंगे और कहेंगे हुजूर मुझे इस सवाल का जवाब नहीं मालूम है। अब बीरबल तो अपने जैसे एक ही थे । वे हर सवाल का जवाब एकदम सही और सटीक देते थे और अकबर को मुंह की खानी पड़ती थी ।  बीरबल सात दिनों तक हरे घोड़े की खोज में इधर-उधर भटकते रहे आठवें दिन दरबार में उपस्थित हुए और कहा - हुजूर ! मैंने आपके कहे अनुसार हरा घोड़ा खोज लिया है ।  शहंशाह अकबर को बहुत आश्चर्य हुआ वे बोले - कहां है हरा घोड़ा जल्दी लाओं ! बीरबल बोले - जहाँपनाह ,

कितने कबूतर / अकबर बीरबल की कहानियाँ

                Stories of Akbar Birbal एक दिन शहंशाह अकबर बीरबल के साथ अपने बाग में घूम रहे थे । अकबर उड़ते कबूतरों को देखकर कुछ सोचने लगें इसके बाद बीरबल से पूछा - क्यों बीरबल , आगरा में कितने कबूतर होंगे ? बीरबल ने कुछ देर अंगुलियों पर कुछ हिसाब लगाया और कहा - हुजूर ! हमारे आगरा में कुल मिलाकर 95,463 कबूतर हैं । अकबर बोले - तुम इतने विश्वास के साथ कैसे बोल सकते हो? बीरबल ने कहा - हुजूर अगर आपको कोई शक है तो आप आगरा के कबूतरों की गिनती करवा लीजिए ।  अकबर को बीरबल से इसी जबाब की उम्मीद थी।  फिर भी शहंशाह अकबर ने बीरबल से पूछा - अगर इससे कम हुए तो ? बीरबल ने तुरंत जबाब दिया - हुजूर तो इसका मतलब है कबूतर किसी और शहर गए होंगे अपने रिश्तेदारों से मिलने । शहंशाह ने फिर पूछा - और अगर ज्यादा हुए तो ? बीरबल झट से बोल पड़े - दूसरे शहर के कबूतर हमारे शहर घूमने आए होंगे ।  शहंशाह अकबर बीरबल का जबाब सुनकर मुस्कुरा कर रह गए ।

ईश्वर जो करता है अच्छा करता हैं / अकबर बीरबल की कहानियाँ

            Akbar Birbal stories in hindi बीरबल एक ईमानदार और भगवान को मानने वाले व्यक्ति थे । वे प्रतिदिन ईश्वर की आराधना किया करते थे और उनका ईश्वर में पूर्ण विश्वास था । वे हमेशा कहा करते थे कि ईश्वर जो भी करता है वह हमारे भले के लिए ही करता है । शहंशाह अकबर के दरबार में बहुत से ऐसे दरबारी थे जिन्हें बीरबल की ऐसी बातें और बीरबल बिलकुल भी पसंद नहीं थे । वे नहीं चाहते थे कि बीरबल शहंशाह अकबर के खास रहे इसलिए अकबर के दरबार में बीरबल के खिलाफ हमेशा षंडयत्र होते रहते थे । खुद शहंशाह अकबर को भी इस बात का पता था ।  एक बार कि बात है , एक दरबारी जो बीरबल को बिलकुल भी पसंद नहीं करता था ने दरबार में कहा कि ईश्वर ने मेरे साथ कल बहुत बुरा किया । मैं अपने घोड़े के लिए चारा काट रहा था तभी मेरी छोटी ऊँगली कट गई । अब आप ही बताइए बीरबल क्या यह मेरे साथ ईश्वर ने अच्छा किया ? कुछ देर चुप रहने के बाद बीरबल बोले - मेरा अब भी यही मानना है कि ईश्वर जो भी करता है वह अच्छे के लिए करता है  । बीरबल की बात सुनकर वह दरबारी और भी ज्यादा चिढ़ गया और कहा कि एक तो मेरी ऊँगली कट गई और बीरबल को इसमें भी अच्छाई नजर आ र

बीरबल की खिचड़ी / Akbar Birbal ki kahaniya

           Akbar Birbal ki kahaniya एक बार शहंशाह अकबर ने ऐलान किया कि जो भी व्यक्ति इस सर्दी के ठिठुरते मौसम में यमुना नदी के ठंडे पानी में डुबा रहकर रात भर बिताएंगा उसे वह भारी भरकम इनाम देंगे ।  जब सबने सुना कि शहंशाह ने ऐसी घोषणा की है तो किसी में भी यह हिम्मत नहीं हुई कि रात भर ठंडे पानी में रहे परंतु वहां एक धोबी रहता था । जब उसने यह घोषणा सुनी तो वह अकबर के दरबार में आया और शहंशाह की शर्त मान ली ।   धोबी रात भर यमुना नदी के ठंडे पानी में कंधे तक डुबा रहा । रात में वह महल में जल रहे एक दिये को देखता रहा । जब सुबह हुई तो वह दरबार में आया और शहंशाह अकबर से अपने इनाम की विनती की । शहंशाह अकबर ने धोबी से पूछा - तुम इतनी ठंड में आखिर कैसे यमुना के ठंडे पानी में रात गुजार पाएं ? धोबी ने कहा - जहाँपनाह मैं रात भर महल में जलते एक दिये को देखता रहा और सारी रात बड़ी मुश्किल से काटी ।  शहंशाह अकबर गुस्से में धोबी से कहा - अच्छा तो तुम मेरे महल में जल रहे दिये से गर्मी लेते रहे और तुम्हें इनाम चाहिए । सिपाहियों ले जाकर इसको जेल में डाल दो ।  सभी दरबारी बैठे बैठे यह तमाशा देख रहे थे लेकिन बीर