शहंशाह अकबर ने बीरबल को वह बांस का टुकड़ा दिखाते हुए पूछा - क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे छोटा कर सकते हो ?
बीरबल अचानक से शहंशाह का सवाल सुनकर चुप हो गए और उन्हें देखा । बीरबल ने सोचा कि शहंशाह का सवाल बेसिर-पैर का है तो उसका जवाब भी कुछ वैसा ही होना चाहिए ।
बीरबल ने इधर-उधर देखा तो एक माली हाथ में लंबा बांस लिए जा रहा था । उसके पास जाकर बीरबल ने वह बांस अपने दाएं हाथ में लिया और शहंशाह का दिया छोटा बांस अपने बाएं हाथ में लिया ।
बीरबल बोले - हुजूर ! देखिये हो गया न यह बांस का टुकड़ा बिना काटे ही छोटा ।
बड़े बांस के सामने छोटे टुकड़े को तो छोटा लगना ही था ।
शहंशाह अकबर निरूत्तर हो गए ।
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