अगले दिन दरबार में शहंशाह अकबर ने सभी प्रसिद्ध ज्योतिषियों और नजुमियों को बुलाकर अपने सपने के बारे में बताया और उसका मतलब जानना चाहा ।
सभी ने आपस में विचार-विमर्श करके एक मत हुए और शहंशाह अकबर से कहा कि जहाँपनाह ! इसका अर्थ है कि आपके सारे नाते-रिश्तेदार आपसे पहले ही मर जाएंगे ।
यह सुनकर शहंशाह अकबर को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सभी को दरबार से बाहर जाने का आदेश दिया । उन सभी के चले जाने के बाद अकबर ने बीरबल से अपने सपने का मतलब पूछा ।
कुछ देर तक तो वे सोच में डुबे रहे फिर कहा - हुजूर ! आपके सपने का मतलब तो बहुत शुभ है । इसका अर्थ यह है कि अपने नाते-रिश्तेदारों के बीच आप ही सबसे अधिक समय तक जिएंगे ।
बीरबल की बात सुनकर शहंशाह अकबर बहुत खुश हुए और उन्हें मुंहमांगा इनाम दिया । बीरबल ने भी वही कहा जो ज्योतिषियों ने कहा था लेकिन उनके कहने में फर्क था ।
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