बेगम दुखी होकर अपने कक्ष में चलीं गई और बीरबल को बुलवाया । बीरबल बेगम के सामने आए । बेगम ने उन्हें सारी बात कह सुनाई ।
'बेगम साहिबा ! अगर शहंशाह ने हुक्म दिया है तो जाना ही पड़ेगा , और जहाँ तक मनपसंद चीज ले जाने की बात है तो मैं जैसा कहता हूँ वैसा ही करें ' बीरबल ने कहा ।
बीरबल के कहे अनुसार रात को शहंशाह अकबर को नींद की दवा दे दी और उन्हें नींद में ही पालकी में डालकर अपने साथ मायके ले आई और एक सजे कमरे में सुला दिया । जब शहंशाह की नींद खुली तो उन्होंने अपने आपको एक अंजान जगह में देखकर पुकारा - कोई हैं ?
शहंशाह के बुलाने पर बेगम साहिबा उपस्थित हुई । बेगम को देखकर शहंशाह सब समझ गए । उन्होंने गुस्से से पूछा - आपने हमें भी अपने साथ लेकर आ गई ? इतनी बड़ी गुस्ताखी ?
'शहंशाह ! आपने ही तो मुझसे कहा था कि अपनी कोई भी मनपसंद चीज ले जा सकती हो । इसलिए अपनी मनपसंद चीज यानी आपको ले आई ' बेगम बोली ।
यह सुनकर शहंशाह अकबर का गुस्सा एकदम से गायब हो गया और मुसकुराते हुए बोले- आपको यह तरकीब बीरबल ने बताई ।
बेगम साहिबा ने हामी भरते हुए सिर हिला दिया ।
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