सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया । Aghori sadhuo ki Rahasmayi Dunia

  
अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया । Aghori sadhuo ki Rahasmayi dunia


भगवान भोलेनाथ Bhagwan Bholenath को तंत्र शास्त्र का देवता माना जाता है । अघोरी मुख्य रूप से भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं । उन्हें अघोरवाद का जन्मदाता माना जाता है । 
     
Aghori sadhu
Aghori sadhu image
   

आधी रात के बाद का समय जब हम नींद की आगोश में रहते हैं उस समय घोर अंधकार में अघोरी-तांत्रिक Aghori Tantrik शमशान में तंत्र क्रियाएं करते हैं । इस समय वे घोर साघना करते हैं । अघोरी का नाम सुनते ही मन में डर उत्पन्न हो जाता है यह उनकी वेशभूषा और रहनसहन के वजह से होता है । अघोर विद्या नहीं बल्कि इसका स्वरूप भयानक है । मूलतः अघोरी उसे कहते है जिसके भीतर अच्छे-बुरे , सुगंध-दुर्गंध , प्रेम-नफ़रत , ईर्ष्या-मोह जैसे भाव मिट जाए । जो किसी में फ़र्क न करें । जो शमशान जैसे घृणित और डरावनी जगह में भी उसी सहजता से रह ले जैसे लोग घरों में रहते हैं । अघोरी लाशों के साथ सहवास भी करता है और मानव मांस का भी भक्षण करते हैं । ऐसा करने का यह तर्क है कि उस व्यक्ति के मन से घृणा निकल जाए । 


अघोरी साधु Aghori sadhu गाय का मांस छोडक़र सभी चीजों का भक्षण करते हैं।  मानव मल से लेकर मुर्दे का मांस तक सब कुछ।  अघोरवाद मे शायद शमशान निवास का बहुत महत्त्व है इसलिए अघोरी साधु शमशान में निवास करना पसंद करते हैं । चूंकि शमशान घाट मे कोई नहीं जाता है इसलिए उनकी साधना निर्विघ्न संपन्न होती है । अघोरी बाबा Aghori baba के गले में नरमुण्ड की माला और शरीर में राख मली होती है । अघोरी बड़े जिद्दी होते हैं इन्हें जो चाहिए होता है लेकर ही मानते हैं। 
   
Aghori sadhu

अघोरी Aghori शमशान में तीन तरह से साधना करते हैं - शिव साधना , शव साधना और शमशान साधना।  शव साधना के चरम पर मुर्दा बोल उठता है , और उसकी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है।  ऐसी तारापीठ के शमशान , कामाख्या पीठ के शमशान , उज्जैन के चक्रतीर्थ  और त्र्यम्बकेश्वर के शमशान में होती है ।

अघोरी साधु दिन में सोने और रात को शमशान में साधना करने वाले होते हैं । वे आम इंसान से कोई संपर्क नहीं रखते और न ही ज्यादा बातें करते हैं । वे अधिकांश समय अपना सिद्ध मंत्र का ही जाप करते हैं।  इनकी दुनिया बहुत ही रहस्यमयी है । 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भूतिया कुएं की कहानी - Horror well story in hindi

  भूतिया कुएं की कहानी । Horror well story in hindi          Horror well story in hindi क्रिस्टी Krishti नाम की एक प्यारी बच्ची अपनी मम्मी रेचल के साथ रहती थी । क्रिस्टी के पापा नहीं थे इसलिए उसकी मम्मी रेचल ही नौकरी करके क्रिस्टी का पालन-पोषण करती थी । रेचल काम से वापस लौटकर क्रिस्टी को स्कूल से लाती और दोनों घर में साथ में खाना खाते, खेलते , टीवी देखते और बहुत सारी बातें करते थे । दोनों माँ बेटी अपनी जींदगी में बहुत खुश थे । एक बार रेचल क्रिस्टी को स्कूल से लाने गई तो उसकी टीचर ने क्रिस्टी की एक बनाई तस्वीर दिखाई जिसमे वह रेचल और एक बच्ची थी । जो उसका हाथ पकड़ खींच रही थी।   रेचल क्रिस्टी को लेकर घर आ गई। दोनों रात को जब साथ खाना खाने बैठे तो रेचल ने क्रिस्टी से पूछा कि तुमने बताया नहीं कि तुम्हें एक नई दोस्त मिल गई है । क्रिस्टी बोली आपने पूछा ही नहीं तब रेचल ने पूछा कि तुम्हारी नई दोस्त कहां रहती हैं तो क्रिस्टी ने बताया कि वह एक अंधेरे कुएं में रहती हैं । रेचल को क्रिस्टी की बात कुछ अजीब लगी तब उसने कहा कि मैं जब तक किचन का काम खत्म करतीं हूँ तब तक तुम अपनी दोस्त के घर की तस्वीर ब

ईश्वर जो करता है अच्छा करता हैं / अकबर बीरबल की कहानियाँ

            Akbar Birbal stories in hindi बीरबल एक ईमानदार और भगवान को मानने वाले व्यक्ति थे । वे प्रतिदिन ईश्वर की आराधना किया करते थे और उनका ईश्वर में पूर्ण विश्वास था । वे हमेशा कहा करते थे कि ईश्वर जो भी करता है वह हमारे भले के लिए ही करता है । शहंशाह अकबर के दरबार में बहुत से ऐसे दरबारी थे जिन्हें बीरबल की ऐसी बातें और बीरबल बिलकुल भी पसंद नहीं थे । वे नहीं चाहते थे कि बीरबल शहंशाह अकबर के खास रहे इसलिए अकबर के दरबार में बीरबल के खिलाफ हमेशा षंडयत्र होते रहते थे । खुद शहंशाह अकबर को भी इस बात का पता था ।  एक बार कि बात है , एक दरबारी जो बीरबल को बिलकुल भी पसंद नहीं करता था ने दरबार में कहा कि ईश्वर ने मेरे साथ कल बहुत बुरा किया । मैं अपने घोड़े के लिए चारा काट रहा था तभी मेरी छोटी ऊँगली कट गई । अब आप ही बताइए बीरबल क्या यह मेरे साथ ईश्वर ने अच्छा किया ? कुछ देर चुप रहने के बाद बीरबल बोले - मेरा अब भी यही मानना है कि ईश्वर जो भी करता है वह अच्छे के लिए करता है  । बीरबल की बात सुनकर वह दरबारी और भी ज्यादा चिढ़ गया और कहा कि एक तो मेरी ऊँगली कट गई और बीरबल को इसमें भी अच्छाई नजर आ र

जोरू का गुलाम / Akbar Birbal ki kahaniya

            Akbar Birbal ki kahaniya                   शहंशाह अकबर और बीरबल बातें कर रहे थे । बात मियां-बीवी की चली तो बीरबल ने कहा - अधिकतर मर्द जोरू के गुलाम होते हैं और अक्सर अपनी बीवियों से डरते भी है । शहंशाह अकबर बोले - मैं ऐसा नहीं मानता । 'हुजूर !मैं सिद्ध कर सकता हूँ ' बीरबल ने कहा । 'सिद्ध करों ।' शहंशाह बोले । 'ठीक है , आप बस आज ही यह आदेश जारी करें कि किसी को भी अपनी बीवी से डरने की जरूरत नहीं है, उसे बस बीरबल के पास एक मुर्गा जमा करवाना पड़ेगा ' बीरबल शहंशाह से बोले । बीरबल के कहे अनुसार शहंशाह ने आदेश जारी कर दिया । कुछ ही दिनों में बीरबल के पास ढेरों मुर्गे जमा हो गए।  तब उन्होंने शहंशाह से कहा - हुजूर ! अब तो इतनें मुर्गे जमा हो गए हैं कि आप मुर्गीखाना खोल सकते हैं । आप अपना आदेश वापस ले ले । शहंशाह को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने आदेश लेने से मना कर दिया । खीझकर बीरबल वापस लौटें । अगले दिन बीरबल दरबार में आया और शहंशाह अकबर से कहा - हुजूर! पड़ोसी राजा की पुत्री बहुत सुन्दर है । आपकी आज्ञा हो तो आपके विवाह की बात करूँ ?  'यह क्या कह रहे हो ,