सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अकबर बीरबल के 3 किस्से कहानियां / Akbar Birbal stories in hindi

           
Akbar Birbal image
3 Akbar Birbal stories in hindi
       

#1 सबसे बड़ा हथियार / अकबर बीरबल के किस्से कहानियां / 3 Akbar Birbal stories in hindi 

शहंशाह अकबर और बीरबल के बीच कभी कभी ऐसी बातें भी हुआ करतीं थी कि जिनकी परख करने में जान का खतरा भी था । एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा - बीरबल बताओं संसार में सबसे बड़ा हथियार कौन-सा हैं ?

बीरबल बोले - आत्मविश्वास ।

अकबर ने बीरबल का जवाब सुनकर अपने मन में रख लिया और किसी समय इसकी परख करने का निश्चय किया। संयोगवश एक दिन एक हाथी पागल हो गया। ऐसे में हाथी को जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता है।  


अकबर ने बीरबल के आत्मविश्वास की परख करने के लिए उन्हें बुलावा भेजा और इधर महावत को यह बात समझाई कि जैसे ही बीरबल आए वैसे ही हाथी की जंजीर खोल दी जाए ।


बीरबल को इस बात का पता नहीं था । वे शहंशाह अकबर से मिलने के लिए दरबार की ओर जा रहे थे तभी पागल हाथी को उनकी तरफ छोड़ दिया गया।  बीरबल अपनी ही मस्ती में चलें जा रहे थे कि उनकी नजर पागल हाथी पर पड़ी जो चिंघाडता हुआ उनकी तरफ ही आ रहा था।

बीरबल तो थे ही हाजिरजवाब , अति बुद्धिमान और आत्मविश्वासी । वे तुरंत समझ गए कि शहंशाह ने उनके आत्मविश्वास की परख करने के लिए यह सब किया हैं। दौड़ता हुआ हाथी उनकी तरफ तेजी से बढ़ रहा था  । इधर-उधर भागने की जगह भी नहीं थी।  ठीक उसी वक्त उन्हें वहां एक कुत्ता दिखाई पड़ा  । हाथी इतना करीब आ गया था कि वह बस बीरबल को पकड़ने ही वाला था।  

बीरबल ने झटपट कुत्ते की पिछली दो टांगे पकड़ी और पूरी ताकत के साथ घुमाकर हाथी पर फेंका । बुरी तरह से कुत्ता चीखा जिससे हाथी भी घबराकर पलटकर भागा । 

जब शहंशाह अकबर को बीरबल की चतुराई के बारे में पता चला तो उन्हें मानना पड़ा कि आत्मविश्वास ही सबसे बड़ा हथियार है । 



#2 सारा जग बेईमान / अकबर बीरबल की कहानियाँ किस्से / 3 Akbar Birbal stories in hindi 


एक बार शहंशाह अकबर ने बीरबल से बड़े शान से कहा - बीरबल हमारी प्रजा बहुत ईमानदार हैं और हमसे बहुत प्यार करती है ।


बीरबल ने तुरंत कहा - शहंशाह आपकी प्रजा न बहुत ईमानदार हैं और न सी आपसे बहुत प्यार करती है । 

'यह तुम क्या कह रहे हो बीरबल ?'

'मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूँ ' बीरबल ने कहा ।

'ठीक है तो साबित करके दिखाओं ' शहंशाह अकबर बोले ।


बीरबल ने नगर में ढिढोरा पिटवा दिया कि शहंशाह अकबर एक भोज का आयोजन करवा रहे हैं । उसके लिए सारी प्रजा से अनुरोध है कि कल सुबह दिन निकलने से पहले हर आदमी एक-एक लोटा दूध डाल दें । कडाहे रखवा दिए गए हैं।  उनमें हर आदमी दूध डाल दें।  

सभी लोगो ने सोचा कि जहां इतना सारा दूध होगा वहां एक लोटा पानी से क्या पता चलेगा।  अतः लगभग हर आदमी दूध की जगह पानी डाल गया । 

सुबह जब शहंशाह अकबर ने उस कडाह को देखा तो दंग रह गए । उन कडाहो मे तो केवल सफेद पानी था । अब शहंशाह को वास्तविकता का पता चला । 


#3 खाने के बाद लेटना / अकबर बीरबल की कहानियाँ किस्से / 3 Akbar Birbal stories in hindi


एक बार बीरबल ने शहंशाह अकबर को यह कहावत सुनाई थी कि 'खाकर लेट जा और मारकर भाग जा' - यह सयाने लोगो की पहचान है । जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कभी पछताना नहीं पड़ता। 

एक दिन शहंशाह अकबर को अचानक ही बीरबल की यह बात याद आ गई। 

दोपहर का समय था उन्होंने सोचा जरूर बीरबल खा के लेटता होगा । आज हम उसकी बात को गलत साबित कर देंगे। उन्होंने एक नौकर  को सारी बात समझाकर बीरबल को बुलाने भेजा ।

 नौकर ने बीरबल को जाकर शहंशाह का आदेश सुनाया ।

बीरबल बुद्धिमान तो थे ही वे तुरंत समझ गए कि शहंशाह ने क्यों उन्हें तुरंत आने के लिए कहा हैं । बीरबल ने भोजन किया और नौकर से कहा- "ठहरो मैं कपड़े बदल कर तुम्हारे साथ ही चलता हूँ । 

उस दिन बीरबल ने पहनने के लिए चुस्त पायजामा चुना। पायजामा पहनने के बहाने वे काफी देर तक बिस्तर पर लेटे रहे। फिर नौकर के साथ चल दिए।  

जब बीरबल दरबार में पहुंचे तो शहंशाह अकबर बोले - कहो बीरबल , खाना खाने के बाद आज भी लेटे की नही ?  

बीरबल - जी बिलकुल लेटा था जहाँपनाह ।


शहंशाह अकबर क्रोधित होकर बोले - इसका मतलब तुमने हमारी हुक्म की अवहेलना की । हम तुम्हें इसकी सजा देंगे । जब हमने तुम्हें खाना खाके तुरंत बुलवाया था तो फिर ?


बीरबल - जहाँपनाह , मैने आपके हुक्म की अवहेलना कब की हैं , मैं तो खाना खाके सीधे कपड़े पहनकर आपके पास आ रहा हूँ । आप यह बात पैगाम ले जाने वाले से पूछ सकतें है। अब यह बात अलग है कि चुस्त पायजामा पहनने के लिए मुझे लेटना पड़ा । 

शहंशाह अकबर बीरबल की चतुराई समझ गए और मुसकुराने लगे ।
  



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भूतिया कुएं की कहानी - Horror well story in hindi

  भूतिया कुएं की कहानी । Horror well story in hindi          Horror well story in hindi क्रिस्टी Krishti नाम की एक प्यारी बच्ची अपनी मम्मी रेचल के साथ रहती थी । क्रिस्टी के पापा नहीं थे इसलिए उसकी मम्मी रेचल ही नौकरी करके क्रिस्टी का पालन-पोषण करती थी । रेचल काम से वापस लौटकर क्रिस्टी को स्कूल से लाती और दोनों घर में साथ में खाना खाते, खेलते , टीवी देखते और बहुत सारी बातें करते थे । दोनों माँ बेटी अपनी जींदगी में बहुत खुश थे । एक बार रेचल क्रिस्टी को स्कूल से लाने गई तो उसकी टीचर ने क्रिस्टी की एक बनाई तस्वीर दिखाई जिसमे वह रेचल और एक बच्ची थी । जो उसका हाथ पकड़ खींच रही थी।   रेचल क्रिस्टी को लेकर घर आ गई। दोनों रात को जब साथ खाना खाने बैठे तो रेचल ने क्रिस्टी से पूछा कि तुमने बताया नहीं कि तुम्हें एक नई दोस्त मिल गई है । क्रिस्टी बोली आपने पूछा ही नहीं तब रेचल ने पूछा कि तुम्हारी नई दोस्त कहां रहती हैं तो क्रिस्टी ने बताया कि वह एक अंधेरे कुएं में रहती हैं । रेचल को क्रिस्टी की बात कुछ अजीब लगी तब उसने कहा कि मैं जब तक किचन का काम खत्म करती...

वेताल पच्चीसी की पहली कहानी / Vikram Betal stories in hindi

   वेताल पच्चीसी की पहली कहानी / Vikram Betal stories in hindi         Vikram Betal stories in hindi काशी में प्रतापमुकुट नामक राजा राज्य करता था।  उसके वज्रमुकुट नाम का एक पुत्र था । एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के के साथ जंगल में शिकार खेलने के लिए गया । घूमते-घूमते उन्हें एक तालाब दिखा ।  उसके पानी में कमल खिले थे और हंस किलोल कर रहे थे । किनारों पर घने पेड़ थे , जिनपर पक्षी चहचहा रहे थे । दोनों मित्र वहां रूक गए और तालाब के पानी में हाथ मुंह धोकर महादेव के मंदिर गए । घोड़ो को उन्होंने मंदिर के बाहर बांध दिया । वो मंदिर में दर्शन करके बाहर आए तो देखते क्या है कि एक राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ तालाब में स्नान करने आई थी । दीवान का लड़का तो वही एक पेड़ के नीचे बैठा रहा , पर राजकुमार से न रहा गया । वह आगे बढ़ गया । राजकुमारी ने उसकी तरफ देखा तो वह उसपर मोहित हो गया । राजकुमारी भी उसकी तरफ देखती रही । फिर उस राजकुमारी ने अपने जुड़े में से कमल का फूल निकाला , उसे अपने कान से लगाया , दांत से कुतरा , पैर के नीचे दबाया और फिर छाती से लगा , अपनी सहेलि...

वेताल पच्चीसी तीसरी कहानी / Vikram Betal stories in hindi

वेताल पच्चीसी - तीसरी कहानी / Vikram Betal stories in hindi       Vikram Betal stories in hindi वर्धमान नगर में रूपसेन नामक राजा राज्य करता था । एक दिन उसके दरबार में वीरवर नामक राजपूत नौकरी के लिए आया। राजा ने पूछा कि तुम्हें ख़र्च के लिए क्या चाहिए तो उसने कहा कि "हजार तोले सोना" । सुनकर सबको बड़ा आश्चर्य हुआ ।  राजा ने पूछा - तुम्हारे घर में कौन-कौन हैं ? वीरवर बोला - मेरी स्त्री , बेटा और बेटी । राजा को और भी अचम्भा हुआ कि चार लोग इतने धन का क्या करेंगे । फिर भी राजा ने उसे अपनी सेवा में रख लिया । उस दिन से वीरवर रोज भंडारी से एक तोले सोना लेकर घर आता था । उसमें से आधा ब्राह्मणों में बाँट देता, बाकी के दो हिस्से करके एक मेहमानों , वैराग्यियों और संन्यासीयो को दे देता और दूसरे से भोजन बनवाकर पहले गरीबों को खिलाता , उसके बाद जो कुछ भी बचता , उसे अपने स्त्री-बच्चों को खिलाता और आप खाता । काम था राजा के प्रमुख अंगरक्षक का । शाम होते ही ढाल-तलवार लेकर राजा के पंलग की चौकीदारी करता । राजा को जब भी उसकी जरूरत होती वह हाज़िर होता । एक रात करीब आधी रात का समय था , रा...