#1 सबसे बड़ा हथियार / अकबर बीरबल के किस्से कहानियां / 3 Akbar Birbal stories in hindi
बीरबल बोले - आत्मविश्वास ।
अकबर ने बीरबल का जवाब सुनकर अपने मन में रख लिया और किसी समय इसकी परख करने का निश्चय किया। संयोगवश एक दिन एक हाथी पागल हो गया। ऐसे में हाथी को जंजीरों में जकड़ कर रखा जाता है।
अकबर ने बीरबल के आत्मविश्वास की परख करने के लिए उन्हें बुलावा भेजा और इधर महावत को यह बात समझाई कि जैसे ही बीरबल आए वैसे ही हाथी की जंजीर खोल दी जाए ।
बीरबल को इस बात का पता नहीं था । वे शहंशाह अकबर से मिलने के लिए दरबार की ओर जा रहे थे तभी पागल हाथी को उनकी तरफ छोड़ दिया गया। बीरबल अपनी ही मस्ती में चलें जा रहे थे कि उनकी नजर पागल हाथी पर पड़ी जो चिंघाडता हुआ उनकी तरफ ही आ रहा था।
बीरबल तो थे ही हाजिरजवाब , अति बुद्धिमान और आत्मविश्वासी । वे तुरंत समझ गए कि शहंशाह ने उनके आत्मविश्वास की परख करने के लिए यह सब किया हैं। दौड़ता हुआ हाथी उनकी तरफ तेजी से बढ़ रहा था । इधर-उधर भागने की जगह भी नहीं थी। ठीक उसी वक्त उन्हें वहां एक कुत्ता दिखाई पड़ा । हाथी इतना करीब आ गया था कि वह बस बीरबल को पकड़ने ही वाला था।
बीरबल ने झटपट कुत्ते की पिछली दो टांगे पकड़ी और पूरी ताकत के साथ घुमाकर हाथी पर फेंका । बुरी तरह से कुत्ता चीखा जिससे हाथी भी घबराकर पलटकर भागा ।
जब शहंशाह अकबर को बीरबल की चतुराई के बारे में पता चला तो उन्हें मानना पड़ा कि आत्मविश्वास ही सबसे बड़ा हथियार है ।
#2 सारा जग बेईमान / अकबर बीरबल की कहानियाँ किस्से / 3 Akbar Birbal stories in hindi
एक बार शहंशाह अकबर ने बीरबल से बड़े शान से कहा - बीरबल हमारी प्रजा बहुत ईमानदार हैं और हमसे बहुत प्यार करती है ।
बीरबल ने तुरंत कहा - शहंशाह आपकी प्रजा न बहुत ईमानदार हैं और न सी आपसे बहुत प्यार करती है ।
'यह तुम क्या कह रहे हो बीरबल ?'
'मैं अपनी बात को साबित कर सकता हूँ ' बीरबल ने कहा ।
'ठीक है तो साबित करके दिखाओं ' शहंशाह अकबर बोले ।
बीरबल ने नगर में ढिढोरा पिटवा दिया कि शहंशाह अकबर एक भोज का आयोजन करवा रहे हैं । उसके लिए सारी प्रजा से अनुरोध है कि कल सुबह दिन निकलने से पहले हर आदमी एक-एक लोटा दूध डाल दें । कडाहे रखवा दिए गए हैं। उनमें हर आदमी दूध डाल दें।
सभी लोगो ने सोचा कि जहां इतना सारा दूध होगा वहां एक लोटा पानी से क्या पता चलेगा। अतः लगभग हर आदमी दूध की जगह पानी डाल गया ।
सुबह जब शहंशाह अकबर ने उस कडाह को देखा तो दंग रह गए । उन कडाहो मे तो केवल सफेद पानी था । अब शहंशाह को वास्तविकता का पता चला ।
#3 खाने के बाद लेटना / अकबर बीरबल की कहानियाँ किस्से / 3 Akbar Birbal stories in hindi
एक बार बीरबल ने शहंशाह अकबर को यह कहावत सुनाई थी कि 'खाकर लेट जा और मारकर भाग जा' - यह सयाने लोगो की पहचान है । जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कभी पछताना नहीं पड़ता।
एक दिन शहंशाह अकबर को अचानक ही बीरबल की यह बात याद आ गई।
दोपहर का समय था उन्होंने सोचा जरूर बीरबल खा के लेटता होगा । आज हम उसकी बात को गलत साबित कर देंगे। उन्होंने एक नौकर को सारी बात समझाकर बीरबल को बुलाने भेजा ।
नौकर ने बीरबल को जाकर शहंशाह का आदेश सुनाया ।
बीरबल बुद्धिमान तो थे ही वे तुरंत समझ गए कि शहंशाह ने क्यों उन्हें तुरंत आने के लिए कहा हैं । बीरबल ने भोजन किया और नौकर से कहा- "ठहरो मैं कपड़े बदल कर तुम्हारे साथ ही चलता हूँ ।
उस दिन बीरबल ने पहनने के लिए चुस्त पायजामा चुना। पायजामा पहनने के बहाने वे काफी देर तक बिस्तर पर लेटे रहे। फिर नौकर के साथ चल दिए।
जब बीरबल दरबार में पहुंचे तो शहंशाह अकबर बोले - कहो बीरबल , खाना खाने के बाद आज भी लेटे की नही ?
बीरबल - जी बिलकुल लेटा था जहाँपनाह ।
शहंशाह अकबर क्रोधित होकर बोले - इसका मतलब तुमने हमारी हुक्म की अवहेलना की । हम तुम्हें इसकी सजा देंगे । जब हमने तुम्हें खाना खाके तुरंत बुलवाया था तो फिर ?
बीरबल - जहाँपनाह , मैने आपके हुक्म की अवहेलना कब की हैं , मैं तो खाना खाके सीधे कपड़े पहनकर आपके पास आ रहा हूँ । आप यह बात पैगाम ले जाने वाले से पूछ सकतें है। अब यह बात अलग है कि चुस्त पायजामा पहनने के लिए मुझे लेटना पड़ा ।
शहंशाह अकबर बीरबल की चतुराई समझ गए और मुसकुराने लगे ।
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