सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अकबर की पहेलियां / अकबर बीरबल की कहानियाँ

             
Akbar Birbal images
Stories of Akbar Birbal in hindi

शहंशाह अकबर को पहेलियाँ सुनने और सुनाने का बहुत शौक था । वे दूसरों से पहेली सुनते और अपनी पहेली भी सुनाया करते थे। एक बार अकबर ने बीरबल को एक नई पहेली सुनाई - 'ऊपर ढक्कन नीचे ढक्कन , मध्य - मध्य खरबूजा। मौं छुरी से काटे आपहि , अर्थ तासु नाहि दूंजा । 


बीरबल पहेली सुनकर चकरा गए । उन्होंने कभी ऐसी पहेली नहीं सुनी थी । बोले - हुजूर अगर आप मुझे कुछ दिनों की मोहलत दे तो मैं इस पहेली का अच्छे से अर्थ समझा दूंगा । शहंशाह अकबर ने कहा ठीक है ।


बीरबल अर्थ समझने के लिए तुरंत वहां से चल पड़े और एक गांव पहुंचे । गर्मी का दिन था, धूप और थकान के मारे उनकी हालत खराब हो गई । मजबूरी में वे पास दिख रहे एक घर में गए । घर के अंदर एक लडकी खाना पका रही थी । 


बीरबल ने पूछा - बेटी तुम क्या कर रही हो ? उस लड़की ने कहा - देख नहीं रहे मैं बेटी को पकाती और माँ को जलाती हूँ ।


'अच्छा दो का हाल तो तुने बता दिया , और तेरा पिता कहा है और क्या कर रहा हैं?' बीरबल ने पूछा । 'वह मिट्टी में मिट्टी मिला रहे हैं ।' लडकी बोली ।

बीरबल ने फिर पूछा - तेरी माँ क्या कर रही है ?

लडकी बोली - एक को दो कर रही है ।

बीरबल ने लडकी से ऐसे जवाब की आशा न थी । परंतु वह लडकी थी बुद्धिमान । इसी बीच उसके माता-पिता आ पहुंचे । बीरबल ने उन्हें पूरी बात बताई । लड़की का पिता बोला - मेरी लड़की ने आपको सही उत्तर दिया है । अरहर की दाल अरहर की लकड़ी मे पक रही है । मै अपनी बिरादरी में एक मुर्दा जलाने गया था और मेरी पत्नी पड़ोस में मसूर की दाल दल रही थी । 

बीरबल लड़की की पहेली भरी बातों से बहुत खुश हुए । उन्हें लगा कि शहंशाह अकबर की पहेली का जवाब यही मिल जाएगा । उन्होंने लड़की के पिता से अकबर की पहेली सुनाई ।


उसने कहा कि यह तो बड़ी आसान सी पहेली है । इसका अर्थ है - धरती और आकाश दो ढक्कन है । इनके अंदर निवास करने वाला मनुष्य खरबूजा है । वह उसी तरह मृत्यु आने पर मर जाता है , जैसे गर्मी से मोम पिघल जाता है । '

बीरबल उसकी बुद्धिमानी देखकर खुश हुए और उसे बहुत सारा इनाम देकर आगरा रवाना हुए । शहंशाह अकबर को उनकी पहेली का जवाब दिया । वे बहुत खुश हुए और बीरबल को पुरस्कृत किया ।




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भूतिया कुएं की कहानी - Horror well story in hindi

  भूतिया कुएं की कहानी । Horror well story in hindi          Horror well story in hindi क्रिस्टी Krishti नाम की एक प्यारी बच्ची अपनी मम्मी रेचल के साथ रहती थी । क्रिस्टी के पापा नहीं थे इसलिए उसकी मम्मी रेचल ही नौकरी करके क्रिस्टी का पालन-पोषण करती थी । रेचल काम से वापस लौटकर क्रिस्टी को स्कूल से लाती और दोनों घर में साथ में खाना खाते, खेलते , टीवी देखते और बहुत सारी बातें करते थे । दोनों माँ बेटी अपनी जींदगी में बहुत खुश थे । एक बार रेचल क्रिस्टी को स्कूल से लाने गई तो उसकी टीचर ने क्रिस्टी की एक बनाई तस्वीर दिखाई जिसमे वह रेचल और एक बच्ची थी । जो उसका हाथ पकड़ खींच रही थी।   रेचल क्रिस्टी को लेकर घर आ गई। दोनों रात को जब साथ खाना खाने बैठे तो रेचल ने क्रिस्टी से पूछा कि तुमने बताया नहीं कि तुम्हें एक नई दोस्त मिल गई है । क्रिस्टी बोली आपने पूछा ही नहीं तब रेचल ने पूछा कि तुम्हारी नई दोस्त कहां रहती हैं तो क्रिस्टी ने बताया कि वह एक अंधेरे कुएं में रहती हैं । रेचल को क्रिस्टी की बात कुछ अजीब लगी तब उसने कहा कि मैं जब तक किचन का काम खत्म करतीं हूँ तब तक तुम अपनी दोस्त के घर की तस्वीर ब

ईश्वर जो करता है अच्छा करता हैं / अकबर बीरबल की कहानियाँ

            Akbar Birbal stories in hindi बीरबल एक ईमानदार और भगवान को मानने वाले व्यक्ति थे । वे प्रतिदिन ईश्वर की आराधना किया करते थे और उनका ईश्वर में पूर्ण विश्वास था । वे हमेशा कहा करते थे कि ईश्वर जो भी करता है वह हमारे भले के लिए ही करता है । शहंशाह अकबर के दरबार में बहुत से ऐसे दरबारी थे जिन्हें बीरबल की ऐसी बातें और बीरबल बिलकुल भी पसंद नहीं थे । वे नहीं चाहते थे कि बीरबल शहंशाह अकबर के खास रहे इसलिए अकबर के दरबार में बीरबल के खिलाफ हमेशा षंडयत्र होते रहते थे । खुद शहंशाह अकबर को भी इस बात का पता था ।  एक बार कि बात है , एक दरबारी जो बीरबल को बिलकुल भी पसंद नहीं करता था ने दरबार में कहा कि ईश्वर ने मेरे साथ कल बहुत बुरा किया । मैं अपने घोड़े के लिए चारा काट रहा था तभी मेरी छोटी ऊँगली कट गई । अब आप ही बताइए बीरबल क्या यह मेरे साथ ईश्वर ने अच्छा किया ? कुछ देर चुप रहने के बाद बीरबल बोले - मेरा अब भी यही मानना है कि ईश्वर जो भी करता है वह अच्छे के लिए करता है  । बीरबल की बात सुनकर वह दरबारी और भी ज्यादा चिढ़ गया और कहा कि एक तो मेरी ऊँगली कट गई और बीरबल को इसमें भी अच्छाई नजर आ र

जोरू का गुलाम / Akbar Birbal ki kahaniya

            Akbar Birbal ki kahaniya                   शहंशाह अकबर और बीरबल बातें कर रहे थे । बात मियां-बीवी की चली तो बीरबल ने कहा - अधिकतर मर्द जोरू के गुलाम होते हैं और अक्सर अपनी बीवियों से डरते भी है । शहंशाह अकबर बोले - मैं ऐसा नहीं मानता । 'हुजूर !मैं सिद्ध कर सकता हूँ ' बीरबल ने कहा । 'सिद्ध करों ।' शहंशाह बोले । 'ठीक है , आप बस आज ही यह आदेश जारी करें कि किसी को भी अपनी बीवी से डरने की जरूरत नहीं है, उसे बस बीरबल के पास एक मुर्गा जमा करवाना पड़ेगा ' बीरबल शहंशाह से बोले । बीरबल के कहे अनुसार शहंशाह ने आदेश जारी कर दिया । कुछ ही दिनों में बीरबल के पास ढेरों मुर्गे जमा हो गए।  तब उन्होंने शहंशाह से कहा - हुजूर ! अब तो इतनें मुर्गे जमा हो गए हैं कि आप मुर्गीखाना खोल सकते हैं । आप अपना आदेश वापस ले ले । शहंशाह को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने आदेश लेने से मना कर दिया । खीझकर बीरबल वापस लौटें । अगले दिन बीरबल दरबार में आया और शहंशाह अकबर से कहा - हुजूर! पड़ोसी राजा की पुत्री बहुत सुन्दर है । आपकी आज्ञा हो तो आपके विवाह की बात करूँ ?  'यह क्या कह रहे हो ,